हमारे देश की कुछ गृहिणियों से जब पूछा गया कि घर पर रहकर करती ही क्या हो?तो उन्होंने अपने काम से सबित कर दिखाया कि उन्होंने घर पर रहकर अपनी पहचान बनाई है।
चार सालों तक सरकारी परीक्षा में असफल होने के बाद महज 5 दिन के ट्रेनिंग प्रोग्राम ने गौरव पचौरी का जीवन बदल दिया। रेगिस्तान में मोती उगाकर आज वह लाखों की कमाई कर रहे हैं। इस युवा किसान की सफलता से आपको ही जरूर मिलेगी प्रेरणा।
'भीड़ हमें ताकत देती है लेकिन हमारी पहचान छीन लेती है।" किसानी के अपने खानदानी पेशे को उनकी सही पहचान दिलाने के लिए राजस्थान के एक जवान ने किसान बनने की ठानी और आज अपने अनोखे प्रयास से इलाके के सबसे इनोवेटिव किसान बनकर दूसरों को भी राह दिखा रहे हैं।
कोलकाता के नीलांजन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना क्षेत्र में पर्यटकों की मेजबानी के लिए एक ऐसा होमस्टे बनाया है जहाँ कोई भी शहर की भाग-दौड़ वाले ज़िंदगी को भूलकर, शांति और सुकून से समय बिता सकता है।
अविनाश पटनायक ने फूलों और खाने के अपने प्यार को आगे बढ़ाने के लिए एक कृषि अधिकारी के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी। आज, वह मास्टरशेफ इंडिया सीजन 7 हिस्सा हैं।
मणिपुर के मोइरंगथेम लोइया के 300 एकड़ के जंगल में पौधों की 100 से ज़्यादा किस्में हैं, बांस की लगभग 25 किस्में हैं, यहां हिरण, साही और सांप की प्रजातियां भी हैं। करीब 20 साल पहले यह ज़मीन बंजर थी।
हैदराबाद के छोटे से गाँव की रहनेवालीं एम. बिंदुप्रिया बीबीए की छात्रा हैं, लेकिन उनके बारे में ख़ास बात यह है कि पढ़ाई के साथ-साथ वह अपने पिता की नाई की दुकान अकेले संभालती हैं। इस काम को करते हुए उन्हें लोगों के विरोध और ताने भी झेलने पड़ते हैं। लेकिन उनकी प्राथमिकता एक ही है, अपना परिवार चलाना।